कहानी: समझौता. - अनिल अयान
"क्या मै अंदर आ सकता हूं" तेजस ने नीले रंग की ड्रेस पहने हुये दरवाजा खोलकर कहा.
"यस कम इन"मैनेजर ने तेजस की ओर बिना देखे उत्तर दिया.
तेजस ने मैनेजर का उत्तर सुनकर अंदर आ गया. नीली ड्रेस पहने और माथे पर बहुत थोडे से बाल बिल्कुल आज की उमर का नौजवान की तरह था तेजस. मैनेजर की टेबल के नजदीक पहुंचते ही मैनेजर ने बैठने के लिये कह दिया.
चेंबर का माहौल शांत था. मशीनों की आवाज तक नहीं आरही थी. तेजस को पता था की मैनेजर ने उसे क्यों बुलाया है.
वह यह भी जानता था कि तेजस की ओर घुमायी. तेजस की ओर मुंह करते हुये बोला.
"इस हडताल का नोटिश तुमने साइन किया है."
"हां !तो" मुझे कोई आपत्ति नहीं है कि हडताल के नोटिस पर किसके शाइन किया है. इसकी भी ज्यादा परवाह नहीं है कि कितना और किसका नुकसान होगा.पर तुम्हारी चिंता है." मैनेजर ने तेजस की अपना इशारा करते हुये कहा.
तेजस ने कहा :"आप मेरी चिंता मत करिये. हमारी मांग मालिकों तक पहुंचाइये और बता दीजिये यदि मांगे नहीं मांगी गयी तो सारे मजदूर ८ तारीख को ह्डताल मे चले जायेंगे.
मैनेजर उसकी बातों को सुना और सामान्य लहजे से पूंछा
"तुम्हारी क्या उमर है तेजस"
"२४ साल" तेजस ने जवाब दिया.
"तुम जानते हो, यह कंपनी ४८ साल से भी ज्यादा पुरानी है, और आज तक यहां कोई हडताल सफ़ल नहीं हुई" मैनेजर ने पूर्ण विश्वास के साथ अपनी बात रखी.
"मैनेजर साहब! पहले क्या हुआ ,इससे मुझे कोई सरोकार नहीं है बल्कि मै तो मजदूरों का भविष्य देखता हूं"
- तेजस ने जवाब दिया.
" मै भी तुम्हे यही कहता हूं कि तुम लोग आंगे की देखो. अभी एक साल भी नहीं हुआ तुम्हारी नौकरी लगे. यदि कम्पनी चाहे तो रेडमार्क लगा कर तुम्हे निकाल दे तो तुम किसी लायक नहीं बचोगे." समझदारी से काम लो तेजस." मैनेजर ने उसे समझाया.
मैनेजर की बात सुनकर तेजस कुरसी से खडा हुआ. और खिडकी को खोलकर देखने लगा. खिडकी खुलते ही मशीनों कीआवाज आने लगी . तब तेजस ने वहीं से मैनेजर को कहा: " साहब ! साउण्ड प्रूफ़ कमरों मे भले ही यह आवाज आपको डिस्टर्ब करे पर मेरे लिये यह आवाज जीवन का संगीत है. इसी आवाज से मजदूरों का घर चलता है और उन मजदूरों के भविष्य से ज्यादा मेरा भविष्य महत्व्पूर्ण नहीं है."
तेजस यदि तुम हमारा साथ दो तो मिल की हिस्सेदारी भी तुम्हे भविष्य मे मिल सकती है. एक बार सोच लो" मैनेजर ने बात को बनाने की कोशिश की.तभी रामू काका भी तेजस के पास आगये. रामू काका आफ़िस के चपरासी थे.
"बेटा तुम्हारा भविष्य महत्व्पूर्ण है यदि तुम ही चले जाओगे तो हमारा रखवाला कौन होगा." रामू काका ने तेजस से कहा.
समय गुजरता जा रहा था. पूरी फ़ैक्टरी मे हलचल थी. सभी मजदूरों के दिमाग मे यही चल रहा था कि ८ तारीख को क्या होगा. तेजस को सुनने के लिये सभी लोग एकत्र हुये. तेजस ज्यों ही मंच मे पहुंचा तभी मैनेजर का चपरासी जयदीप दौडते हुये आया और बोला." तेजस भैया! आपको बडे साहब बुला रहे है."
तेजस ने बहुत ही आश्चर्य मे आकर कहा" तुम चलो मै आता हूं."
वह मंच से नीचे उतरा और सीधे मालिक के चेंबर की ओर गया.
जैसे ही स्वागत कक्ष की ओर गया तेजस गया तो कंपनी के मालिक की गाडी खडी हुयी थी. मालिक शांति लाल जी स्वागत कक्ष मे बैठे जैसे उसी का इंतजार कर रहे थे.
"आओ तेजस! बैठो आखिर तुमने यहां पर हमे बुला ही लिया" शान्तिलाल जी ने इतना कहते हुये बैठने का इशारा किया. तेजस उनके सामने बैठ गया. उन्होने फ़ाइल खोली और बोले " अच्छा तेजस तुम तो बहुत पढे लिखे हो. सुपरवाइजर लायक तो नहीं लगते, बल्कि मैनेजर लायक लगते हो. मुझे लगता है कि इतना होनहार नवयुवक मजदूरों के चक्कर मे बेकार को ही पडा है."
उनकी बात सुनकर तेजस परेशान सा हो गया. उसने अपने आप मे काबू करते हुये कहा " सर मै वर्तमान मे विश्वास करता हूं. वर्तमान मे मै सुपरवाइजर हूं और मजदूरों के साथ अन्याय नहीं देख सकता हूं."
" मजदूरों का न्याय और अन्याय देखने के लिये हम है, तुम तो अपना कैरियर देखो. मजदूर और हडताल यह सब बात नौजवानों के लिये ठीक नहीं. तुम तो अपना कैरियर बनाओ" शांतिलाल जी ने कहा.
"सर धन्यवाद आप मेरी चिंता न करें आप तो ह्डताल और नुकशान की चिंता कीजिये. मै अपने फ़र्ज से पीछे नहीं हट सकता. आप तो ये बताइये कि मजदूरों के हक मे फ़ैसला करते है या नही." तेजस ने स्वर ऊंचा करते हुये जवाब दिया.
तेजस की तीव्रता को भांफ़ते हुये गुस्से मे शांतिलाल जी बोले "बेटा!नेतागिरी का भूत उतार फ़ेंको. वरना यह तुम्हे बरबाद कर देगा. कल शाम तक मजदूरों को समझाओ और खुद भी समझ जाओ नहीं तो मै तुम लोगो को देख लूंगा. अब तुम जा सकते हो."
शांतिलाल जी ने गुस्से मे आकर धमकी दी. और दोनो लोग मजदूरों की तरफ़ चल दिये.
आज वो दिन भी आगया सभी परन्तु अपना काम कर रहे थे. तेजस भी मजदूरों के बीच सुपरवाइजर का काम कर रहा था. दोपहर मे शांतिलाल जी की गाडी फ़िर आकर खडी हुयी. उनके साथ मैनेजर भी था.
"तेजस की फ़ाइल लाओ और मै जैसा बता रहा हूं उसे यहां से धक्के मार कर बाहर निकाल दो वह हमारे लिये मुसीबत बन रहा है." उन्होने मैनेजर से कहा.
तभी उनके कानों मे मशीनों की आवाज पडी. समय देखा तो रात होने वाली थी. उन्होने तुरंत मैनेजर को बुलाया और कहा जाकर देखो इतनी रात को यह आवाज कैसे आरही है"
मैनेजर की ओर गया और शांतिलाल जी अपने कक्ष मे चले गये उन्होने अखबार देखना शुरू किया ही था कि मैनेजर ने बोला " तेजस ने कहा है कि जाइये हम सब हडताल मे है जब तक हमारी मांगे नही मानी जायेगी तब तक हम मशीनों को बिना रुके चलाते रहेगे."
शांतिलाल जी ने कहा " यह कैसी हडताल है मैनेजर साहब."
"शायद नये जमाने की हडताल हो तेजस का दिमाग है इसलिये कह रहा हूं" मैनेजर ने जवाब दिया.
शांतिलाल जी खिडकी से मशीनों की आवाजों मे परिवर्तन महसूस किया और बोले "यदि हम बात नहीं मानेगे तो ये सभी मजदूर हमारी करोडो की मशीनों को कबाड बना देंगे मैनेजर साहब."
आप जाकर उनसे कहिये कि हमने उनकी शर्तों से समझौता कर लिया है वो अपने ड्यूटी समय मे ही काम करें.उन्हे नया वेतनमान और सुविधाये मिलेंगी".
और हां तेजस को अब मै सुपरवाइजर से असिस्टेंट मैनेजर की पोस्ट दी गयी है इस समझौते मे यह भी बता दीजिये उन लोगो को."
शांतिलाल जी कार मे बैठ कर वापस चले जाते है. मैनेजर का संदेश मिलते ही सारे मजदूर इस समझौते के अवसर पर तेजस और रामू काका के साथ जश्न मनाते है.
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