लघुकथायें
अपने-अपने हिस्से की खुशी.
आधे घंटे से कुछ अमीर घर की महिलायें कुछ दुसाले और स्वेटर के दाम कम
करवाने के लिये मोल भाव करने में लगी हुई थी. फेरी वाला इसी तरह दस हजार
रुपये से चार हजार तक पहुँचा था.महिलायें इस बात में खुश थी की काश्मीर
से आये फेरीवाले को वो अपने आलीसान महल नुमा घर में बेवकूफ बनाकर मोलभाव
करने में सफल हुई. और फेरीवाला वह काश्मीरी, इस मोलभाव से इस लिये खुश था
कि वह अपना दि हजार का माल चार हजार में बेंच कर दो गुना मुनाफा कमाने
में सफल हुआ.इस तरह मोलभाव खत्म हुआ और दोनो पक्ष अपने अपने हिस्से की
खुशी को लिये संतुष्ट हो गये थे.
अनिल अयान श्रीवास्तव,सतना.
९४०६७८१०४०
अपने-अपने हिस्से की खुशी.
आधे घंटे से कुछ अमीर घर की महिलायें कुछ दुसाले और स्वेटर के दाम कम
करवाने के लिये मोल भाव करने में लगी हुई थी. फेरी वाला इसी तरह दस हजार
रुपये से चार हजार तक पहुँचा था.महिलायें इस बात में खुश थी की काश्मीर
से आये फेरीवाले को वो अपने आलीसान महल नुमा घर में बेवकूफ बनाकर मोलभाव
करने में सफल हुई. और फेरीवाला वह काश्मीरी, इस मोलभाव से इस लिये खुश था
कि वह अपना दि हजार का माल चार हजार में बेंच कर दो गुना मुनाफा कमाने
में सफल हुआ.इस तरह मोलभाव खत्म हुआ और दोनो पक्ष अपने अपने हिस्से की
खुशी को लिये संतुष्ट हो गये थे.
अनिल अयान श्रीवास्तव,सतना.
९४०६७८१०४०
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